STORYMIRROR

Agrawal Shruti

Others

3  

Agrawal Shruti

Others

अप्रतिम निखार

अप्रतिम निखार

1 min
547

उसके ललाट पर जलता सूरज

स्निग्ध स्मित मदमस्त बयार

रिमझिम फुहारों सी छेड़ी जो तान

छिड़े वीणा के तार, मन गाए मल्हार 


नटखट चाँदनी में नहाया बदन

फूले जूही और बेला हजारों हजार 

कानों में ये क्या कह दिया पिया

शरमाई चितवन पे अप्रतिम निखार 


Rate this content
Log in