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तरुण आनंद

Others

4.8  

तरुण आनंद

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अनमोल रिश्ता

अनमोल रिश्ता

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90


जिस दिन का बेसब्री से रहता 

हर प्यारी बहना को इंतजार,

उस दिन को हम कहते है 

रक्षा बंधन का त्योहार । 

 

कभी लड़ाई तो कभी मनुहार 

भाई बहन का ऐसा ही प्यार, 

इस रिश्ते का ना कोई मोल 

ऐसा ही है राखी का त्योहार । 

 

माँ बनाती पुए पकवान 

भाई आज बना शैतान,

बहना राखी बांधने को 

है सुबह से ही परेशान । 

 

रेशम के इस धागे मे बसा

है प्यारी बहना का दुलार, 

ये पवित्र रिश्ता है ऐसा

मिट जाए लम्हो का एहसास ।


जिसकी नहीं है कोई बहना 

सारा जीवन है उसे दुख सहना, 

कमी ऐसी खलती है उसे की 

जैसे कम हो अपना एक गहना ।


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