Sweta Sharma
Others
कुछ अल्फ़ाज़ कह जाते हैं,
कुछ अल्फ़ाज़ बह जाते हैं।
जो जाहिर ना हो पाए
वह घुट कर मर जाते हैं।
किताब
स्वार्थी
कोरोना से जंग
निर्मल झरने
प्यार
अल्फ़ाज़
बहाने
पहली मुलाकात