आह्वान
आह्वान
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संवाद करो ब्रह्माण्ड से, ऊर्जावान बनकर
विष का शमन करो, शक्ति है शिव की जो
अमृत का पान करो, सृजन करो नवीन का
निमंत्रण करो शक्ति का, आकृति निर्दोष हो
शिव ही शिव यहाँ, न कोई अशेष हो
शक्ति को समा लो, खुद में ऊर्जस्वित बन
करना आह्वान फिर, शिव मिलेंगे यहाँ
जो ऊर्जा शुद्ध हो, संवाद होगा सदा
ब्रह्माण्ड में भी तो, शिव होंगे गुंजायमान
ॐ से करेंगे फिर, शिव का हम आह्वान
ॐ नम: शिवाय से ही, करते शिव को प्रणाम