Anita Shrivastava

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Anita Shrivastava

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आधुनिका

आधुनिका

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महिलाओं को 

बहुत पसंद आते हैं आजकल

स्वयं पर बने चुटकुले,

वस्त्र अधखुले,

केश बंधे कम ज्यादा खुले,

नाभि दर्शना साड़ी,

डीप गले,

लेगिंग्स...बिना अपने वज़न पर ध्यान दिए

जिन तारिकाओं की ये नकल है 

उनके पास खूब अक्ल है,

उन्हें इस सब का दाम मिलता है

कॉस्ट्यूम उनके पेशे का हिस्सा है

देवियों तुम्हें क्या मिलता है

उनके नक्शे कदम पर चलकर?

फैशन करना बुरा नहीं

पर अपनी अक्ल लगाना भी 

कहाँ बुरा होता है,

छोटा बच्चा भी अपनी सुरक्षा के प्रति

निश्चिंत हो जाए

तभी सोता है।

आपका गैटअप ही 

आपको निश्चिंत नहीं रहने देता,

आपकी सुरक्षा पर कितने सवाल हैं

आपको बहुत आगे जाना है,

आपके लिए सम्भावनाओं के द्वार खोल

अच्छा ही किया गया

यह सिद्ध करके दिखाना है।

दादी नानियों को जो वर्जित थे

उन रास्तों पर चलकर दिखाना है,

कीर्तिमान स्थापित करने हैं

नई पीढ़ियों को रास्ता दिखाना है,

ये सतही खुलापन आपकी मंज़िल नहीं है,

आपकी मंज़िल है

अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में,

फिर चाहे वो घर मे हो या बाहर।

तुम्हें देख कर ही घर के मर्द

बाहरी औरतों के बारे में राय बनाते हैं,

तुम्हें देख कर ही बेटियां

अपने हिस्से का खुलापन

बंद रूढ़ियों में से बल पूर्वक उठातीं हैं,

देवियों ध्यान दो

अपने देवत्व को थोड़ा मान दो

'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते'

को चरितार्थ होने दो

जो गौरव हमेह हमारी माताओं से मिला है

उसे नए ताज़े उगे दिमागों में बोने दो।




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