हर अक्षर अक्षर है, हर नगमा पियूष पावन तरंग है। हर अक्षर अक्षर है, हर नगमा पियूष पावन तरंग है।
जी करता है उसकी आँचल मे सो जाऊं, उसे छूकर मै भी सितल हो जाऊ। सावन सी हरियाली जिसकी, सेवा करत... जी करता है उसकी आँचल मे सो जाऊं, उसे छूकर मै भी सितल हो जाऊ। सावन सी हरिया...