Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Pinky Ashku

Classics Inspirational

4  

Pinky Ashku

Classics Inspirational

नई उम्मीद

नई उम्मीद

1 min
138


आयी रे आयी बारिश आयी

लेके नई उम्मीद लायी


जहाँ यह जहान जूझ रहा है कोरोना से

वहाँ यह बारिश नई उम्मीद लायी

खुशी से झूम रहे हैं लोग

नाच रहा है यह जहान


बन्द खिड़किया खुल गयी है

देखने यह बारिश का नज़ारा

टिम टिम करती यह बारिश

गा रहा है नया संगीत


बादल गरज़ गरज़ के

बज़ा रहे नई सुर पर नया ढोल

कह रही है बारिश

लाई हूँ मैं नई उम्मीद

करूँगी मैं खत्म इस कोरोना को


बरसूँगी मैं इतना की कर दूंगी मैं रासते बन्ध

जिसे लोग रहेंगे घर में बंद

बरस बरस कर कह रही है

जाते जाते ले जाऊँगी मैं कोरोना अपने संग

आयी रे आयी बारिश आयी।


Rate this content
Log in

Similar english poem from Classics