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वो कागज की नांव वो लकड़ी का घोड़ा वो रबर की पेंट वो भैया का शर्ट। वो कागज की नांव वो लकड़ी का घोड़ा वो रबर की पेंट वो भैया का शर्ट।
हे नारी तू चंडिका तू काली और माता शेरावाली है। हे नारी तू चंडिका तू काली और माता शेरावाली है।
वक्त नूर को बेनूर कर देता है, छोटे से जख्म को नासूर कर देता है। वक्त नूर को बेनूर कर देता है, छोटे से जख्म को नासूर कर देता है।
क्या इश्क़ है इन परिंदों की भगवान ही जाने दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने। क्या इश्क़ है इन परिंदों की भगवान ही जाने दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जा...