मैं एक रचनाकार हूँ, मुझे कविता लिखने का शौक है। और साहित्य की नयी-नयी विधायें सिखने की कोशिश करती रहती हूँ।
खत्म हुआ था वनवास अभी, फिर से वनवास मिला। अभी-अभी आई बहार थी , मुरझा गया मुख खिला। खत्म हुआ था वनवास अभी, फिर से वनवास मिला। अभी-अभी आई बहार थी , मुरझा गया मुख ...
आपके प्यार ने बेअसर कर दिया। याद ने आपकी बेसबर कर दिया।। आपके प्यार ने बेअसर कर दिया। याद ने आपकी बेसबर कर दिया।।
नारी होना ही है आज अभिशाप। ये बात हर पल मुझे बताई जाती। नारी होना ही है आज अभिशाप। ये बात हर पल मुझे बताई जाती।
क्यूँ जलते हो चाँद देख मेरे प्रियतम को। तेरी चाँदनी भी तो हर लेती हर तम को।। क्यूँ जलते हो चाँद देख मेरे प्रियतम को। तेरी चाँदनी भी तो हर लेती हर तम को।।