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नजरे ढूँढती रहती थी, जो अब साथ नही थी। नजरे ढूँढती रहती थी, जो अब साथ नही थी।
बेदर्द आखों मे समन्दर की लहर दौड़ पड़ी है। बेदर्द आखों मे समन्दर की लहर दौड़ पड़ी है।
मिट्टी का कर्ज चुकाना है बाकी अभी मिट्टी का कर्ज चुकाना है बाकी अभी
ताज्जुब नहीं किस्मत पे, गर्व बड़ा होता है मिला जो साथ तेरा, करोड़ों में एक होता है ताज्जुब नहीं किस्मत पे, गर्व बड़ा होता है मिला जो साथ तेरा, करोड़ों में एक होत...