एक सरकारी शिक्षक(राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नांदिया, पोस्ट- नांदिया, तहसील- पिण्डवाड़ा, जिला- सिरोही(राजस्थान)
मानवता का पाठ पढ़ाने, आती है यह होली। मानवता का पाठ पढ़ाने, आती है यह होली।
हो गए हम तो यतीम, तुम्हारे बिना। नहीं कोई घर में रौनक, तुम्हारे बिना। हो गए हम तो यतीम, तुम्हारे बिना। नहीं कोई घर में रौनक, तुम्हारे बिना।
तू ही मेरी ईश्वर है , ओ मेरी माँ। तू ही लाई दुनिया में, मुझको मेरी माँ।। तू ही मेरी ईश्वर है , ओ मेरी माँ। तू ही लाई दुनिया में, मुझको मेरी माँ।।
देखो कितनी हैवानियत हुई है, मणिपुर में नारी के साथ।। देखो कितनी हैवानियत हुई है, मणिपुर में नारी के साथ।।
माँ की ममता है सच में, जग में वरदान।। माँ की ममता के बिना, अपूर्ण है जीवन माँ की ममता है सच में, जग में वरदान।। माँ की ममता के बिना, अपूर्ण है जीवन
हर ओहदे पर पहुंची है नारी। अबला नहीं, सबला है नारी।। हर ओहदे पर पहुंची है नारी। अबला नहीं, सबला है नारी।।
भूल जाता है वह, अपनी मंजिल तक पहुंचने में, अपने परिचितों के चेहरे और नाम तक भूल जाता है वह, अपनी मंजिल तक पहुंचने में, अपने परिचितों के चेहरे और नाम त...
और मरना उनको भी है एक दिन, लेकिन लोग खुश होते हैं तब------ और मरना उनको भी है एक दिन, लेकिन लोग खुश होते हैं तब------
हर बार करते हैं वो बात, सिर्फ कर्ज की। उन्हें चाहिए पैसा, उनको नहीं फिक्र फर्ज की। हर बार करते हैं वो बात, सिर्फ कर्ज की। उन्हें चाहिए पैसा, उनको नहीं फिक्र फर्...
मैं भी रखूं क्यों मतलब उनसे। उनको नहीं जब मतलब मुझसे। मैं भी रखूं क्यों मतलब उनसे। उनको नहीं जब मतलब मुझसे।