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मैंने जिस इरादे से तुझे जी भर के देखा मैं अब तक उसी नियत के मलाल में था मैंने जिस इरादे से तुझे जी भर के देखा मैं अब तक उसी नियत के मलाल में था
चलो में निकलता हूं मुझे ज़रा देरी हो रही हैं उससे मिलने जाना हैं खुद को घर पे छोड़ते चलो में निकलता हूं मुझे ज़रा देरी हो रही हैं उससे मिलने जाना हैं खुद को घर प...
एक अजीब उदासी से गुजर रहा हूं मैं उसके वादों पे जीकर मर रहा हूं मैं। एक अजीब उदासी से गुजर रहा हूं मैं उसके वादों पे जीकर मर रहा हूं मैं।
मगर तुम्हें ज़माने खड़े करने है शोहरत के मकामो पर। मगर तुम्हें ज़माने खड़े करने है शोहरत के मकामो पर।
जब से तेरी आंखों को पढ़ने लगा हूं मैं ख़ुद को अनपढ़ समझने लगा हूं। जब से तेरी आंखों को पढ़ने लगा हूं मैं ख़ुद को अनपढ़ समझने लगा हूं।