Language Trainer Poet
नींद में जब चिल्लायी, गोद तुम्हारी मिली, नींद में जब चिल्लायी, गोद तुम्हारी मिली,
इश्क़ से बसाई जो हसीन व रंगीन दुनिया इश्क़ से बसाई जो हसीन व रंगीन दुनिया
जाने कितने एहसान हैं जीवन पर जाने कितने एहसान हैं जीवन पर
तकलीफ़ बढ़ती ही रही, तकलीफ़ बढ़ती ही रही,