I'm Shikhaa and I love to read StoryMirror contents.
ये किस मौज़ू को चल रहें हैं गोया कि हम भी बाज़ार हो गए हैं । ये किस मौज़ू को चल रहें हैं गोया कि हम भी बाज़ार हो गए हैं ।
उफनती मचलती बलखाती उफनती मचलती बलखाती
चहुं ओर फैली आपदा में कितना कुछ हर निखर रहा । विषमताओं में संभावनाओं की कमी नहीं है ! चहुं ओर फैली आपदा में कितना कुछ हर निखर रहा । विषमताओं में संभावनाओं की कमी न...
आज दो घड़ी के लिए खुद से मुलाकात की ! आज दो घड़ी के लिए खुद से मुलाकात की !
काश वो लम्हा रुक जाता कोई उम्मीद उसे थाम लेती। काश वो लम्हा रुक जाता कोई उम्मीद उसे थाम लेती।