I'm the student of media in jamia Millia Islamia university.
मैं भी तो झांकता ही रहता हूँ, उसकी गिरया ए नमनाक से। मैं भी तो झांकता ही रहता हूँ, उसकी गिरया ए नमनाक से।
मैं न लिखूंगा और न गाऊंगा, उसके प्रेम के क़सीदे। आखिरी सांस तक, उसके दुःख को गीत बनाऊंगा, मैं न लिखूंगा और न गाऊंगा, उसके प्रेम के क़सीदे। आखिरी सांस तक, उसके दुः...
ठीक उसी तरह जैसे अच्छे दिन की बंजर ज़मीन पर करोड़ों स्वप्न ठीक उसी तरह जैसे अच्छे दिन की बंजर ज़मीन पर करोड़ों स्वप्न
वो आता है और एहसास दिलाता है, की शान्ति ही सब कुछ है, फिर अपने बड़े-बड़े पर को खोल कर, बाण की... वो आता है और एहसास दिलाता है, की शान्ति ही सब कुछ है, फिर अपने बड़े-बड़े पर ...