Author of 'Sisakati Saankalen' Upcoming novel 'Saanjh ka Suraj' and poetic work 'Maan ka Bhanwar'.
कभी- कभी ही क्यों ? रोज पढ़ी जाएं किताबें। कभी- कभी ही क्यों ? रोज पढ़ी जाएं किताबें।
अपने हिस्से की ज़िम्मेदारी निभाने से बाज आता है। अपने हिस्से की ज़िम्मेदारी निभाने से बाज आता है।
हिंद देश की आशा है सरल सहज सी भाषा है। हिंद देश की आशा है सरल सहज सी भाषा है।
मगर एहसास करा देती हैं पल भर में ही जीवन की विविधता का। मगर एहसास करा देती हैं पल भर में ही जीवन की विविधता का।
यादों के पन्ने खोले तो एक पीर उभर आई दादी नानी की प्यारी सी तस्वीर नज़र आई, यादों के पन्ने खोले तो एक पीर उभर आई दादी नानी की प्यारी सी तस्वीर नज़र आई,
है समय बड़ा ही कठिन प्रभु, कर दो आशा का नवसंचार। है समय बड़ा ही कठिन प्रभु, कर दो आशा का नवसंचार।