None
सोचा बनूं मैं बंधुआ मजदूर और चुका दूं सबकी फीस। सोचा बनूं मैं बंधुआ मजदूर और चुका दूं सबकी फीस।
माँ का सेवा करना है माँ के खातिर कुर्बानी देनी है। माँ का सेवा करना है माँ के खातिर कुर्बानी देनी है।
देख भी सावन का नज़ारा बनते हैं सबका सहारा देख भी सावन का नज़ारा बनते हैं सबका सहारा