Director Ayuspine Hospital Delhi.
समाहित है स्वयं के ही अंदर, गांधी तो एक युग है, कोई नहीं समानांतर। समाहित है स्वयं के ही अंदर, गांधी तो एक युग है, कोई नहीं समानांतर।
देखा था उन्हें तो दिल बोल उठा, रब करदे इनसे मेरी शादी।। देखा था उन्हें तो दिल बोल उठा, रब करदे इनसे मेरी शादी।।
सजनी अपना जीवन तुझपर वारूं, आओ फिर से तुमसे मैं हारूँ सजनी अपना जीवन तुझपर वारूं, आओ फिर से तुमसे मैं हारूँ
खुशहाल दुनिया आगे बढ़ना, उनकी आसक्ति, स्वामी विवेकानंद जी को अर्पित सत्यम की पंक्ति। खुशहाल दुनिया आगे बढ़ना, उनकी आसक्ति, स्वामी विवेकानंद जी को अर्पित सत्यम की प...
कुछ पल के मेहमान है, एक आवाज़ आई डाक्टर साहब आपकी दवाई किस काम की, कुछ पल के मेहमान है, एक आवाज़ आई डाक्टर साहब आपकी दवाई किस काम की,