एक प्रतिथयश शाइर जो रेख़्ता पर सूचीबद्ध है। 'इंशाद' समूह के संस्थापक, जो उभरते हुए शाइरों का मार्गदर्शन करता है और उन्हें बढ़ावा देता है।
कभी हँसने का मज़ा हो कभी रोने का मज़ा। कभी पाने का मज़ा हो कभी खोने का मज़ा। कभी हँसने का मज़ा हो कभी रोने का मज़ा। कभी पाने का मज़ा हो कभी खोने का मज़ा।
कई किरदार मैं दूँगा, तुझे मेरी कहानी में, कभी राधा बनाऊँगा, कभी मीरा बनाऊँगा। कई किरदार मैं दूँगा, तुझे मेरी कहानी में, कभी राधा बनाऊँगा, कभी मीरा बनाऊँगा।
जो इक बात कि जिस पर न कभी मैं ठहरा, सब की हर बात उसी बात पर आ कर ठहरी। जो इक बात कि जिस पर न कभी मैं ठहरा, सब की हर बात उसी बात पर आ कर ठहरी।
तू ही इस पार है भगवन तू ही उस पार रहा। तू ही कश्ती, तू ही साहिल, तू ही मझधार रहा। तू ही इस पार है भगवन तू ही उस पार रहा। तू ही कश्ती, तू ही साहिल, तू ही मझधार ...
तुम ने पौधे को रखा साए में, धूप में रखते तो ज़िंदा होता। तुम ने पौधे को रखा साए में, धूप में रखते तो ज़िंदा होता।
मरने से पहले कुछ नशा आए ज़ह्र पीने का भी मज़ा आए। मरने से पहले कुछ नशा आए ज़ह्र पीने का भी मज़ा आए।