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धनंजय तुम रत्नों के ढेर पर बैठे देखा किये, मेरा तिरस्कार धनंजय तुम रत्नों के ढेर पर बैठे देखा किये, मेरा तिरस्कार
तुमने तोड़ा है मैया का हृदय यशोदा सी माँ सृष्टि को ही विस्मृत कर बैठी थी अपने लल्ला अपने कान्हा के... तुमने तोड़ा है मैया का हृदय यशोदा सी माँ सृष्टि को ही विस्मृत कर बैठी थी अपने ...
देह के सरोवर में प्रतिबिंबित अक़्स देखके ख़ुशी से दमकती देह के सरोवर में प्रतिबिंबित अक़्स देखके ख़ुशी से दमकती
किसी को रंज़ न हो ऐसे जताती है/अपना विरोध समाज/व्यवस्था और बेकारी से कस्बे की लड़की किसी को रंज़ न हो ऐसे जताती है/अपना विरोध समाज/व्यवस्था और बेकारी से कस्बे की ...
ज्वालामुखी घावों का बहने लगता है लावा ज्वालामुखी घावों का बहने लगता है लावा
उसी पिंजरे में/ जिसे नाम तो घर का मिला है पर .घुटता है दम/हरदम उसी पिंजरे में/ जिसे नाम तो घर का मिला है पर .घुटता है दम/हरदम
स्त्री तो नदी है चुचाप बहती ही अच्छी लगती है। स्त्री तो नदी है चुचाप बहती ही अच्छी लगती है।
कहाँ तलाश पाती हो/समाधान दृष्टि हीनता के अभाव में उलझी रही आती है पहेली कहाँ तलाश पाती हो/समाधान दृष्टि हीनता के अभाव में उलझी रही आती है पहेली
देखो कैसे झरता है हरसिंगार फूलता है मोगरा फिर-फिर हर बार देखो कैसे झरता है हरसिंगार फूलता है मोगरा फिर-फिर हर बार
इन सबके पहले बाद आगे पीछे कभी जो झलका उमड़ा बाहर आया वो था इन सबके पहले बाद आगे पीछे कभी जो झलका उमड़ा बाहर आया वो था