हूॅं तो एक गृहणी अपनी जिम्मेदारियों के साथ करती हूॅं लेखन अपने नाम से बनाऊं पहचान सिर्फ यही तो रखती हूॅं ख्वाहिश
मोहब्बत अभी भी बाकी है मुझे भुला कर तुम खुश हो। मोहब्बत अभी भी बाकी है मुझे भुला कर तुम खुश हो।
क्या खोया और क्या पाया इसका एहसास होगा उसे क्या खोया और क्या पाया इसका एहसास होगा उसे
वहाँ पंडाल में उपस्थित सभी लोगों की नज़रें अनायास ही अपर्णा की ओर उठ गई। वहाँ पंडाल में उपस्थित सभी लोगों की नज़रें अनायास ही अपर्णा की ओर उठ गई।
पूर्णिमा की रात में चलों कुछ देर साथ चलें। पूर्णिमा की रात में चलों कुछ देर साथ चलें।