Simple
टुकड़ों में बटेगी जिंदगी, रूह पर जो है, बनी एक कांच की हवेली...! टुकड़ों में बटेगी जिंदगी, रूह पर जो है, बनी एक कांच की हवेली...!
एक हाथ का ही फासला कि ख्वाब में ही छू ले... क्यों लगे कोसों की दूरी, ये मजबूरियां ही बताएंगी एक हाथ का ही फासला कि ख्वाब में ही छू ले... क्यों लगे कोसों की दूरी, ये मजबूरिया...
रात बहुत अकेली रहती दर्द की चीत्कार लिए कर्कश आह सह नही पाता, बस कह नही पाता।। रात बहुत अकेली रहती दर्द की चीत्कार लिए कर्कश आह सह नही पाता, बस कह नही पाता।।
रहो तुम मृगनयनी मुझे सांवला रहने दो, तुम मुझको काला ही रहने दो। रहो तुम मृगनयनी मुझे सांवला रहने दो, तुम मुझको काला ही रहने दो।
मूंगफली तो आती है मुरब्बे का जार नहीं आता मूंगफली तो आती है मुरब्बे का जार नहीं आता