दिल की बातें लफ्जों में बयां करती हूं पढ़ने वाले के दिल को छू जाए तो खुश हो लेती हूं।
संतान बड़ी हो जाती है, लेकिन मां कभी बूढ़ी नहीं होती । संतान बड़ी हो जाती है, लेकिन मां कभी बूढ़ी नहीं होती ।
कहीं धन, दौलत, ऐशो ,आराम है और कहीं दो वक्त की रोटी भी मुश्किल कहीं धन, दौलत, ऐशो ,आराम है और कहीं दो वक्त की रोटी भी मुश्किल
मनुष्य तू क्यो डरता रहता है मुश्किलों से सीख कुछ इन प्रकृति की दिलेरी से मनुष्य तू क्यो डरता रहता है मुश्किलों से सीख कुछ इन प्रकृति की दिलेरी से
जैसे आत्मा बिन शरीर अधूरा वैसे ही तुझ बिन मैं अधूरी। जैसे आत्मा बिन शरीर अधूरा वैसे ही तुझ बिन मैं अधूरी।
उसकी एक झलक देखने के लिए कुछ भी करने को मन तैयार हो क्या यही है प्यार? उसकी एक झलक देखने के लिए कुछ भी करने को मन तैयार हो क्या यही है प्यार?