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दूजे की मर्ज़ी का तुम अपने जीवन में न रंग भरो! दूजे की मर्ज़ी का तुम अपने जीवन में न रंग भरो!
जीवन इक गुलदस्ता है सच है यही'कल्पना' रंग-बिरंगे फूलों से इसको सदा सजाते रहो। जीवन इक गुलदस्ता है सच है यही'कल्पना' रंग-बिरंगे फूलों से इसको सदा सजात...
तूने अच्छा किया जो सृष्टि की रचना की और अदृश्य हो गया तूने अच्छा किया जो सृष्टि की रचना की और अदृश्य हो गया
टुकड़े-टुकड़े हो बिखर गई है आज नदी मर गई है। टुकड़े-टुकड़े हो बिखर गई है आज नदी मर गई है।