किसी का विश्वास जीतकर दूसरों के सामने उसका भेद प्रकट करना भी महापाप ही है।
आदमी जीवन भर सीखता है और उसी जीवन सीख का दूसरा नाम अनुभव है।
विनोद सीमा और समय के अनुसार हो तब ही सुखद होता है।
इंसान समय के लिए रुकता है लेकिन समय किसी के लिए नहीं रुकता।
कोई मुंह से कुछ भी कहे लेकिन हर इंसान का अंतर्मन सही और गलत को जानता-पहचानता है।
समाज व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास व कल्याण के लिए गठित संस्था है।
प्रस्थान से मंजिल के बीच सबकुछ यात्रा है चाहे वह सामान्य यात्रा हो या फिर जीवन यात्रा