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ये एक समय ही है जो तक़दीर लिखता है, मेहनत जिसने की उसी की झोली भरता है, ये एक समय ही है जो तक़दीर लिखता है, मेहनत जिसने की उसी की झोली भरता है,
तुम क्या जानो कल क्या होगा कल क्या होगा कल क्या होगा। तुम क्या जानो कल क्या होगा कल क्या होगा कल क्या होगा।
सहर दोपहर हर पहर बहुत से इंसानों कि इस बड़ी सी दुनिया में हर रोज़ कि बस एक वही कहानी... सहर दोपहर हर पहर बहुत से इंसानों कि इस बड़ी सी दुनिया में हर रोज़ कि...
हमारे और तुम्हारे चेहरे खुद-ब-खुद कुछ ज़्यादा ही मुस्कुराते हैं, जब भी हम चाय का एक कप अपनों ... हमारे और तुम्हारे चेहरे खुद-ब-खुद कुछ ज़्यादा ही मुस्कुराते हैं, जब भी हम ...