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देखूँ तो अब हर शय मायूस नज़र आता है, मैंने सुकून खोया है इक पल हंस के गुज़ार के... देखूँ तो अब हर शय मायूस नज़र आता है, मैंने सुकून खोया है इक पल हंस के गुज़ार...
हाँ...हिंदी हूँ मैं अक्षर-अक्षर जोड़कर नव शब्द बनाती हूँ. हाँ...हिंदी हूँ मैं अक्षर-अक्षर जोड़कर नव शब्द बनाती हूँ.
फ़ेहरिस्त सीमित हो इच्छाओं की इसी में समझदारी है... फ़ेहरिस्त सीमित हो इच्छाओं की इसी में समझदारी है...
ऐसा काम कर की पर्यावरण का नुकसान ना हो, ऐसा काम कर की पर्यावरण का नुकसान ना हो,
सब कुछ कर जाते हो "मगर" क्यूँ तुम इंसान नहीं बन पाते हो..?. सब कुछ कर जाते हो "मगर" क्यूँ तुम इंसान नहीं बन पाते हो..?.