जज़्बातों में बिखरती हूं...तभी तो अल्फाज़ों में निखरती हूं।✍️
"एक आज़ाद भारत" को, "एक महफूज़ भारत" बनाने जाता है। "एक आज़ाद भारत" को, "एक महफूज़ भारत" बनाने जाता है।
फिसल जाएगा कभी तो, ऐसे ही थोड़ी न वक्त "रेत" कहलाता है?! फिसल जाएगा कभी तो, ऐसे ही थोड़ी न वक्त "रेत" कहलाता है?!
वो "समन्दर" ही क्या, जो "तैरना" न सिखाए। वो "समन्दर" ही क्या, जो "तैरना" न सिखाए।
गर सामने खड़ा हो शेर, तो मां उससे भी लड़ जाती हैं। गर सामने खड़ा हो शेर, तो मां उससे भी लड़ जाती हैं।
लेकिन वो क्या है न, मुझे मोहब्बत से.. थोड़ी चिढ़ है ! लेकिन वो क्या है न, मुझे मोहब्बत से.. थोड़ी चिढ़ है !
कि "इस महंगी दुनिया में कौन पूछेगा, हम सस्ते लोगों को?" कि "इस महंगी दुनिया में कौन पूछेगा, हम सस्ते लोगों को?"
ज़िंदगी ने बहुत आज़मा लिया हमें, ज़िंदगी ने बहुत आज़मा लिया हमें,
कैसे बताऊं मैं, "कैसी सोच को बदलना है?!" अख़बार पढ़ो, ख़ुद समझ जाओगे। कैसे बताऊं मैं, "कैसी सोच को बदलना है?!" अख़बार पढ़ो, ख़ुद समझ जाओगे।
कभी जिनसे मिलने के ख़्वाब देखा करते थे, अब तो उनसे न मिलना ही बेहतर लगता है। कभी जिनसे मिलने के ख़्वाब देखा करते थे, अब तो उनसे न मिलना ही बेहतर लगता है।
मां को मेरा जीवन अर्पण है। मां को मेरा जीवन अर्पण है।