जज़्बातों में बिखरती हूं...तभी तो अल्फाज़ों में निखरती हूं।✍️
Share with friends"जीभ वो घोड़ी है, जिसकी लगाम अगर संभाली न जाए, तो वो मैराथन जीतने के बाद भी दौड़ती रहती है।" - सृष्टि बंसल
"जीभ वो घोड़ी है, जिसकी लगाम अगर संभाली न जाए, तो वो मैराथन जीतने के बाद भी दौड़ती ही रहती है।" - सृष्टि बंसल
मुझे ये तो नहीं पता है , कि मुझे तुमसे सच्चा प्यार है या नहीं ! लेकिन हां , इतना ज़रूर जानती हूं , कि तुम्हें देखते ही मेरे चेहरे पर , एक प्यारी - सी स्माइल आ जाती है ।
मुझे मोहब्बत पर लिखना अच्छा लगता है , पर मोहब्बत करना नहीं । ख़ुद में ही जीना अच्छा लगता है मुझे , पर दूसरों पर मरना नहीं ।