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अपनी मौज में रहकर कर के अब जीवन को खोजना सीख रही हूँ अपनी मौज में रहकर कर के अब जीवन को खोजना सीख रही हूँ
तुझसे ही बिखरु और तुमसे ही निखरु, कुछ ऐसा ही हो अंत ये मेरा... तुझसे ही बिखरु और तुमसे ही निखरु, कुछ ऐसा ही हो अंत ये मेरा...
मृत्यु नहीं अमृत का द्वार है ऐसा जीवन भी यादगार है। मृत्यु नहीं अमृत का द्वार है ऐसा जीवन भी यादगार है।
तो लाखों बार तुम्हें ही गिनती करोड़ों बार तुम्हें ही सुनती। तो लाखों बार तुम्हें ही गिनती करोड़ों बार तुम्हें ही सुनती।
गम हो या ख़ुशी, हँस कर गले लगाने चाहती हूँ, किसी भी हाल में बस रुकना नहीं चाहती हूँ। गम हो या ख़ुशी, हँस कर गले लगाने चाहती हूँ, किसी भी हाल में बस रुकना नहीं चाहत...