"शब्दों की महिमा" अपने गंतव्य की ओर अग्रसर...
घरों को बड़ा करते-करते, हम खुद ही इतने बड़े हो गए, आधुनिकता की आड़ में, अपनी संस्कृति से परे हो गए। घरों को बड़ा करते-करते, हम खुद ही इतने बड़े हो गए, आधुनिकता की आड़ में, अपनी संस...
कार्य पूर्ण कर दिन का पंथी, अपनी दुनिया को चलता है, पर्वत के पीछे छिपा सूर्य भी, धीरे-धीरे ढलता ह... कार्य पूर्ण कर दिन का पंथी, अपनी दुनिया को चलता है, पर्वत के पीछे छिपा सूर्य भ...
तालाब में थमी नौकाएँ मुझे तुम्हारी याद दिलाती है जिस तरह तुम थमे थे मेरी बाँहों में मुझे पल-पल ये... तालाब में थमी नौकाएँ मुझे तुम्हारी याद दिलाती है जिस तरह तुम थमे थे मेरी बाँहो...
हवा.....तू तो सर्वव्यापी है उन्नति के दरवाजे बंद है जिन राहों पर, उन दरवाज़ों को तू खोल दे। हवा.....तू तो सर्वव्यापी है उन्नति के दरवाजे बंद है जिन राहों पर, उन दरवाज़ों क...
अभिमान है तुम पर मुझे, ताकत बनकर निखर, रही है हमारी मोहब्बत...! अभिमान है तुम पर मुझे, ताकत बनकर निखर, रही है हमारी मोहब्बत...!