पर्यावरण असंतुलन,आने वाली प्रलय का साफ संकेत है,अत: प्रलय निश्चत है।
जीने के लिए रोज़ मर रहे थे, जीने के लिए रोज़ मर रहे थे,
काल के क्रोध में,काल के कोप में, काल के क्रोध में,काल के कोप में,
एक बिंदु में प्रकाश,प्रकाश में असंख्य बिंदु ,असंख्य बिंदु चेतना के,चेतना में सच, एक बिंदु में प्रकाश,प्रकाश में असंख्य बिंदु ,असंख्य बिंदु चेतना के,चेतना में सच,
हाँ,अटल अविरल सिन्धु धारा सी चलते देखा हाँ,अटल अविरल सिन्धु धारा सी चलते देखा
अब अंगियन वो शोर नहीं,क्यूँ गलियन में मौज नहीं, अब अंगियन वो शोर नहीं,क्यूँ गलियन में मौज नहीं,
सैलाब-ए-मंज़र तब भी, आज भी-2तू आंसुओं का रुकना तो न बदल सका ए दोस्त,फरिश्ता-ए-ख़ुशी तूने कारण ज़रूर बदल... सैलाब-ए-मंज़र तब भी, आज भी-2तू आंसुओं का रुकना तो न बदल सका ए दोस्त,फरिश्ता-ए-ख़ुश...
अब तो सिमटकर सिमटने की जगह भी न बची,मेरे दर्दे दिल की दवा जीने की वज़ह भी न रही। अब तो सिमटकर सिमटने की जगह भी न बची,मेरे दर्दे दिल की दवा जीने की वज़ह भी न रही।
तू क्यूँ धर्मनिरपेक्ष पगली,क्या तेरा कोई धर्म नहीं? तू क्यूँ धर्मनिरपेक्ष पगली,क्या तेरा कोई धर्म नहीं?
तपते रहे गली मोहल्ले सेवाभाव में हुजूर,वरना छत तो हमें भी नसीब थी। तपते रहे गली मोहल्ले सेवाभाव में हुजूर,वरना छत तो हमें भी नसीब थी।