सरल हृदय , निष्कपट , साफगोई पसंद व्यक्तित्व
हमारे नगर में कल एक ऐसा ऐतिहासिक प्रसंग घटा कि नगर निगम में छुट्टी घोषित हो जाए तो भी कम पड़े— एक रं... हमारे नगर में कल एक ऐसा ऐतिहासिक प्रसंग घटा कि नगर निगम में छुट्टी घोषित हो जाए ...
सज्जित है सपनों का राजसी मंडप, तेरी अलकों की छाया में संवरता, मृदुल अधरों पर चाँदी-सी हँसी, मेखला-सी... सज्जित है सपनों का राजसी मंडप, तेरी अलकों की छाया में संवरता, मृदुल अधरों पर चाँ...
रात जब सबसे अधिक काली होती है, उसी समय तुम्हारा रूप सबसे अधिक चमकता है— मानो अँधियारे ने रात जब सबसे अधिक काली होती है, उसी समय तुम्हारा रूप सबसे अधिक चमकता है— मानो अँध...
❤️ सपनों का मंडप ❤️ <br>🌹 परिपूर्ण श्रृंगार रस कार्य 🌹 <br> ✍️ श्री हरि <... ❤️ सपनों का मंडप ❤️ <br>🌹 परिपूर्ण श्रृंगार रस कार्य 🌹 <br>&nbs...
🌫️ हवा का प्रतिशोध 🌫️ उस रात शहर के ऊपर एक अदृश्य कोहरा उतरा — जैसे किसी ने धूल में बदला घोल दिया हो... 🌫️ हवा का प्रतिशोध 🌫️ उस रात शहर के ऊपर एक अदृश्य कोहरा उतरा — जैसे किसी ने धूल ...
कानों में गिरे हुए शब्द, कभी-कभी... तीर बन जाते हैं! मन की शांति को भेदते हुए निर्दोष आत्मा पर आरोप ... कानों में गिरे हुए शब्द, कभी-कभी... तीर बन जाते हैं! मन की शांति को भेदते हुए नि...
वो कोई साधारण दिन नहीं था, कैंपस की हवा में कुछ अलग गंध थी — कॉपी के पन्नों में नहीं, उसकी मुस्कान म... वो कोई साधारण दिन नहीं था, कैंपस की हवा में कुछ अलग गंध थी — कॉपी के पन्नों में ...
मैंने पूछा — “ए वक्त! तू इतना निर्दयी क्यों है?” वो मुस्कराया — “निर्दयी नहीं, सच्चा हूं मैं। जिसे त... मैंने पूछा — “ए वक्त! तू इतना निर्दयी क्यों है?” वो मुस्कराया — “निर्दयी नहीं, स...
रात अब केवल अंधकार नहीं, वह किसी देह का मखमली विस्तार लगती है — जहाँ चाँदनी नहीं उतरती, सिर्फ त्वचा ... रात अब केवल अंधकार नहीं, वह किसी देह का मखमली विस्तार लगती है — जहाँ चाँदनी नहीं...
रूठी चांदनी आज फिर बादलों की ओट में सिसकती है, मानो प्रिय की बाहों से छूटकर लाज में सिमटती है। निशा ... रूठी चांदनी आज फिर बादलों की ओट में सिसकती है, मानो प्रिय की बाहों से छूटकर लाज ...