A writer, A teacher, A lawyer, A reader
भरने होंगे नये रंग- प्रेम के, विश्वास के, अहिंसा के, सच्चाई के… भरने होंगे नये रंग- प्रेम के, विश्वास के, अहिंसा के, सच्चाई के…
विद्रोहिणी हूँ क्योंकि अनपढ़, अज्ञानी रहना स्वीकार नहीं है मुझे विद्रोहिणी हूँ क्योंकि अनपढ़, अज्ञानी रहना स्वीकार नहीं है मुझे
न जाने क्यों शहरों में अब पड़ोसी दिखाई नहीं देते। न जाने क्यों शहरों में अब पड़ोसी दिखाई नहीं देते।
सारा परिवेश बदल चुका है अब बदल गया है पड़ोसी...। सारा परिवेश बदल चुका है अब बदल गया है पड़ोसी...।
दबे पाँव चली आती हैं यादें, जब भी अकेली होती हूँ...! दबे पाँव चली आती हैं यादें, जब भी अकेली होती हूँ...!
गठरी लादे कर्मों की चल रहा हर इंसान गठरी लादे कर्मों की चल रहा हर इंसान
आशा की किरणों संग अठखेलियाँ करता चाँद सीपियों, मछलियों, मूँगों सी समय के अंतराल में आशा की किरणों संग अठखेलियाँ करता चाँद सीपियों, मछलियों, मूँगों सी समय क...
हर कोशिश में है जीवन मेहनती कभी मरते नहीं। हर कोशिश में है जीवन मेहनती कभी मरते नहीं।