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दिन ढलने को है माँ गरजते ये बादल कब अब बरसेंगे माँ बोली तू छन छन कर घूम रही है बादल भी बरस... दिन ढलने को है माँ गरजते ये बादल कब अब बरसेंगे माँ बोली तू छन छन कर घूम र...
हर रात उस चाँद से जलता और वापस वही दोहराता हूँ हर रात उस चाँद से जलता और वापस वही दोहराता हूँ
समुद्र को उठते गिरते लहरों को देखकर हमे प्रेरणा मिलती है समुद्र को उठते गिरते लहरों को देखकर हमे प्रेरणा मिलती है
कभी किसी की यादों में मुस्कुराता हूँ कभी किसी की यादों में मुस्कुराता हूँ
बाकी दुनिया अनजानी थी ना प्यार मोहब्बत की बातें थी ना ही घंटो मुलाकातें थी, बाकी दुनिया अनजानी थी ना प्यार मोहब्बत की बातें थी ना ही घंटो मुलाकातें थी,