khud ki koi khwahish nhi zindagi ko khwahishon se azaad rkhna Email:-bhupendraraj153@gmail.com
इस शोर-ए-दुनियां का तू नही परिंदा है तू खुले आसमान का बाशिन्दा है। इस शोर-ए-दुनियां का तू नही परिंदा है तू खुले आसमान का बाशिन्दा है।
कोई तो आये दिल की बंजर ज़मी को अपने इश्क़ की बारिश से हरा भरा कर दे। कोई तो आये दिल की बंजर ज़मी को अपने इश्क़ की बारिश से हरा भरा कर दे।
चलो अच्छा हुआ तुम चले गए चलो अच्छा हुआ तुम चले गए। चलो अच्छा हुआ तुम चले गए चलो अच्छा हुआ तुम चले गए।
ये दुनिया उजाड़ रखी है तूने।। दोष किसी और को न दे पाएगा। ये दुनिया उजाड़ रखी है तूने।। दोष किसी और को न दे पाएगा।
कुछ ऐसा कर जाऊंगा माँ पापा आपकी शान बढ़ाऊँगा माँ पापा आपकी शान बढ़ाऊँगा। कुछ ऐसा कर जाऊंगा माँ पापा आपकी शान बढ़ाऊँगा माँ पापा आपकी शान बढ़ाऊँगा।
मेरे दिल का हर जख्म खत्म, आसमानों में बारिशों का दौर खत्म। मेरे दिल का हर जख्म खत्म, आसमानों में बारिशों का दौर खत्म।