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दास्तान-ए-इश्क़ के तह की खोज में हूँ मैं स्नेह की खोज में हूँ। दास्तान-ए-इश्क़ के तह की खोज में हूँ मैं स्नेह की खोज में हूँ।
मैं भी पढ़ने में व्यस्त हुआ, 'मुखाकृति' तुम्हारी..! मैं भी पढ़ने में व्यस्त हुआ, 'मुखाकृति' तुम्हारी..!
बुद्धिजीवियों ने मेरे यौवन से खुद को तृप्त किया बुद्धिजीवियों ने मेरे यौवन से खुद को तृप्त किया
वो चूस लेता है किसान का लहू और लहू घोल कर तैयार करता है अपने लिए रंगोली वो चूस लेता है किसान का लहू और लहू घोल कर तैयार करता है अपने लिए रंगोली
मुझे अपनाने का हर कर्ज निभाऊँगा तुम 'दुर्योधन' , मैं 'कर्ण' हो जाऊँगा। मुझे अपनाने का हर कर्ज निभाऊँगा तुम 'दुर्योधन' , मैं 'कर्ण' हो जाऊँगा।