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बद्तमीज हम बन गए चाहना जैसे गुनहगार हुआ ! बद्तमीज हम बन गए चाहना जैसे गुनहगार हुआ !
कभी बेटी कभी बहन कभी पत्नी ना जाने कितने रिश्तों को ढालती हूँ मैं! कभी बेटी कभी बहन कभी पत्नी ना जाने कितने रिश्तों को ढालती हूँ मैं!
कोई तो पिया क़ो मेरे ले आये तो होली का गुलाल हवा लगाएं। कोई तो पिया क़ो मेरे ले आये तो होली का गुलाल हवा लगाएं।
बेहतर से बेहतरीन का कुछ ऐसा सफर रहा मुझसे जुड़े जो लाख बन गए मगर मै सिफ़र रहा! बेहतर से बेहतरीन का कुछ ऐसा सफर रहा मुझसे जुड़े जो लाख बन गए मगर मै सिफ़र रहा!