ग़ज़ल
ग़ज़ल
1 min
6.9K
ग़ज़ल में दर्द लाना है बहुत मुश्किल
गमों पर मुस्कुराना है बहुत मुश्किल।
बहुत आसान होता है किसी का दिल दुखाना
किसी रोते हुये को हँसाना है बहुत मुश्किल
फ़क़त इक फूँक काफ़ी है चिरागों को बुझाने को
फ़क़त इक फूँक काफ़ी है चिरागों को बुझाने को
मगर बुझते हुये दीपक जलाना है बहुत मुश्किल।
हमेशा हमने कोशिश की न हो हमसे खफ़ा कोई
अगर वो रुठ जाये तो मनाना है बहुत मुश्किल
नसीहत दूसरे को देना बहुत आसान होता है
मगर अपनी खुदी को आजमाना है बहुत मुश्किल।
सोया हो अगर कोई जगा देना बहुत आसां
मगर सोये हुये ज़ेहन जगाना है बहुत मुश्किल।