अँधेरी राहें
अँधेरी राहें
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रौशनी तो दिखाओ, अँधेरी राहों मे हमराही बन जाओ, अँधेरी राहों मे चाँदनी रात जहाँ ना आती है, कभी कभी तो तुम आओ अँधेरी राहों मे मेरा कोई रस्ता नही कोई मंज़िल नहींं, तुम मेरी मंजिल बन जाओ अँधेरी राहों मेंं बर्फ की ठंडी चादर जमी रहती है, यहाँ तुम कभी वसंत बुला दो अँधेरी राहों मे, बेख़बर बेसुध होके चलो साथ मेरे दुनिया के रंज- ओ - ग़म भुला दो अँधेरी राहों मे, कुछ तुम न कर सकते हो अगर तो मुझे समेट लो अपनी बाहों मे , इन अँधेरी राहों मेंं