स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
हमने तय किया कि,
सहेज कर रखेंगे
हरेक पहली-पहली स्मृति
पहली बात
पहली मुलाक़ात
पहला स्पर्श
पहला समर्पण
पहली तक़रार
पहली मनुहार
पहला उपहार
और वह सब
जो हमने जिया एक साथ
पहली-पहली बार
पहली स्मृतियों की गठरी बना कर
रख देंगे सबसे ऊँची टाँड़ पर
या एक काल पात्र में
करीने से रख कर दबा देंगे
घर के आँगन में
उम्र के किसी अगले पड़ाव पर
ठहर जाऐंगे थोड़ी देर
स्मृतियों की गठरी निकालेंगे
बीते दिनों पर जमी धूल को बुहारेंगे
स्मृतियों का स्लाइड-शो देखते हुऐ
लौट जाऐंगे पुराने दिनों में
धुँधला रही आँखों को
मिल जाऐगी नई रौशनी
हरिया जाऐगा मन का कोना अंतरा
फिर एक-एक कर
तह बना कर रख देंगे
पहली-पहली स्मृति को
उम्र के किसी अगले पड़ाव पर
दुबारा खोलने के लिऐ ।