लेखक : अलेक्सान्द कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : अलेक्सान्द कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
मैं दशानन नहीं जी, नयी सदी का शतानन... सहस्त्रानन हूँ... विकासोन्मुखी हूं... हा हा हा ह मैं दशानन नहीं जी, नयी सदी का शतानन... सहस्त्रानन हूँ... विकासोन्मुखी हूं... हा ...