लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ। चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ। चारुमति रामदास
बस उस दिन से शुरू हुआ मेरा स्टेज-फियर, अब तो स्टेज और माइक के नाम से ही डर लगने लगा था बस उस दिन से शुरू हुआ मेरा स्टेज-फियर, अब तो स्टेज और माइक के नाम से ही डर लगने ...
सितम्बर के अन्त में कुज़्मा दुर्नोव्का चला गया। सितम्बर के अन्त में कुज़्मा दुर्नोव्का चला गया।
कुछ सपने अधूरे ही रह जाते हैं और रह जाती हैं बस उनकी यादें... कुछ सपने अधूरे ही रह जाते हैं और रह जाती हैं बस उनकी यादें...
तेरा गुस्सा जायज था लेकिन इतना नहीं, एक बार ठीक से मेरी बात सुन तो लेती! तेरा गुस्सा जायज था लेकिन इतना नहीं, एक बार ठीक से मेरी बात सुन तो लेती!
विशेषज्ञ जानते हैं कि ऐसा वही कर सकता है जो बेहतरीन एक्टर हो विशेषज्ञ जानते हैं कि ऐसा वही कर सकता है जो बेहतरीन एक्टर हो