काश! कहीं से आकर आप फिर से कहिए ना मेरे कानो मे "सुनो ना" काश! कहीं से आकर आप फिर से कहिए ना मेरे कानो मे "सुनो ना"
बीते दिनों से अपने अंदर के एक-एक टुकड़े को हर रोज़ भगा रही थी। आज आखिरी टुकड़ा है जिसे लेकर मैं पूरी तर... बीते दिनों से अपने अंदर के एक-एक टुकड़े को हर रोज़ भगा रही थी। आज आखिरी टुकड़ा है ज...