जल्द ही उनके पहले सद्गुण से मेरा वास्ता पड़ गया। जल्द ही उनके पहले सद्गुण से मेरा वास्ता पड़ गया।
सच्चाई , ईमानदारी और संस्कारों से बड़ी कोई दौलत नहीं । सच्चाई , ईमानदारी और संस्कारों से बड़ी कोई दौलत नहीं ।