जो कभी पिता कभी भाई पति बेटा के रूप मे नचाता है। जो कभी पिता कभी भाई पति बेटा के रूप मे नचाता है।
आज तक आंखों में बसी हुई है। जबकि सदियां बीत गयी। आज तक आंखों में बसी हुई है। जबकि सदियां बीत गयी।
इतने व्यस्त हो गए हैं सब कि खाने-पीने का तो कोई महत्व ही नहीं रहा, अगर कभी बुला के कह दूँ कि आओ पैस... इतने व्यस्त हो गए हैं सब कि खाने-पीने का तो कोई महत्व ही नहीं रहा, अगर कभी बुला ...
इश्क करने वाले धूप में देखें छांव, छांव में देखें धूप" इश्क करने वाले धूप में देखें छांव, छांव में देखें धूप"
बीरबल उन्हें समझाते हैं कि महाराज महारानी के पास ऐसा यंत्र नहीं है। बीरबल उन्हें समझाते हैं कि महाराज महारानी के पास ऐसा यंत्र नहीं है।
"ये चक्का कोई सुदर्शन चक्र थोड़े न है! ये तो समय का चक्र है "ये चक्का कोई सुदर्शन चक्र थोड़े न है! ये तो समय का चक्र है