गंगा की दुर्गति पर कोई सवाल नही करता।। गंगा की दुर्गति पर कोई सवाल नही करता।।
उपयुक्त समय पर उपयुक्त सवाल ना हो तो तमाचा खाने के लिए तैयार रहना पड़ता है उपयुक्त समय पर उपयुक्त सवाल ना हो तो तमाचा खाने के लिए तैयार रहना पड़ता है