लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
लोगों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। लोगों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
वैचारिक/बौद्धिक संपन्नता व अध्यात्मिक सम्पन्नता बहुत गहरे अर्थों में एक दूसरे के पूरक हैं वैचारिक/बौद्धिक संपन्नता व अध्यात्मिक सम्पन्नता बहुत गहरे अर्थों में एक दूसरे के...