हैड मास्टर साहब लौट रहे हैं झंडा फहरा कर। आज़ादी पर भाषण देकर। हैड मास्टर साहब लौट रहे हैं झंडा फहरा कर। आज़ादी पर भाषण देकर।
दिक्कत ये थी कि मेरी दूर दृष्टि कमजोर थी दिक्कत ये थी कि मेरी दूर दृष्टि कमजोर थी