इनके लिए तो जीना यहाँ-मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ।’ इनके लिए तो जीना यहाँ-मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ।’
शायद इसी को चाहत कहते हैं। शायद इसी को चाहत कहते हैं।